About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Saturday, July 21, 2012

कसम

सागर को नापने से 
रोकने की कोशिश की हैं 
पानी में दौड़ने वालो को
बांधने की कोशिश की हैं 
साजिश ये बादलो और 
लहरों ने मिल के की हैं
लेकिन हमने भी तैरते 
रहने की कसम ली हैं 

कश्ती को हिलाने लहरे
और ऊँची आ भी जाए 
काले बादलो से बिजली 
की ललकार आ भी जाये 
हिम्मत को हराने कोई 
बड़ा तूफ़ान आ भी जाये 
लेकिन हमने भी लड़ते 
रहने की कसम ली हैं
 
Photocourtesy Grishma Shah

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