About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Monday, July 09, 2012

तुने देखा होता

ना थी हमारी किस्मत, तो ये किस्मत ही सही
जाना ही था एक दिन, तो तेरा जाना ही सही
थी यहाँ तक बस तो, छोटी ये कहानी ही सही
पुरे ना हो सके कुछ, झूटे कुछ टूटे वादे ही सही
लेकिन कम से कम, एक अहसान तो किया होता   
जाते वक़्त एक बार, मुड़ के तो तुने देखा होता
हम तेरी मज़बूरी का, कोई अंजान बहाना बना लेते  
की होगी तुने पूरी कोशिश, सोच के जिन्दगी बिता देते 

2 comments:

Sweta said...

OP ji bahut aache!!
itna dard kaha se late ho??

ओमी said...

धन्यवाद श्वेता जी, बस शब्दों का खेल हैं :)