About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Monday, June 30, 2008

क्या कह रहा हु मैं

उड़ जाने दे तू हवाओ के संग
नापू गगन मैं बन के पतंग
दिल ही तो तेरा हु खो जाने दे
मुझको किसी का हो जाने दे
सुन भी ले क्या कह रहा हु मैं

कौन जाने है पानी कितना गहरा
यु ना तू डर लगाने दे गोता
मिले भी न जो मोती तो क्या है
डूबने का भी है अपना मज़ा
सुन भी ले क्या कह रहा हु मैं

बारिश का देखना चाहे तू नज़ारा
रेगिस्तान मे फिरे क्यों मारा मारा
मौसमो का ना कर इंतज़ार
कर भरोसा मैं लाऊंगा बहार
सुन भी ले क्या कह रहा हु मैं