एक छलांग क्या लगायी
तुम्हे लगा हदे हैं बतायी
कैद कर दिया तुमने
हमे भी अपनी ज़मी में
उड़ाने हैं अभी बाकी
जान तो अभी आयी
साँस तो लेने तो हमे
पंख फैलाने तो दो हमे
फिर बताएं क्या हैं
हमारी ख्वाहिशों में
तड़पते हैं तो जिंदा हैं
तरसते हैं तो जिंदा हैं
इस तरह हैं जिंदगी के करीब
सुकून तो हैं मुर्दों का नसीब
एक ज़रा पूरा हों जाने दो
फिर बताएं क्या हैं
हमारे खवाबों में
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