About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Saturday, November 23, 2013

शायर के अफसाने


किताबो में नहीं छपते
मुशायरो में सुनाये नहीं जाते  
किसी शेर के शक्ल में सामने भी नहीं आते
शायर के अफसाने तो अक्सर अधूरे ही रह जाते

जब भी कहने को सोचते 
किसी और की ही बात कर जाते 
कुछ तो बाक़ी रह जाता हैं जो भी कहते
शायर के अफसाने तो अक्सर अधूरे ही रह जाते

नज्म में कोई नाम छुपा दे 
फिर उसे चाहने वालो को सुना दे 
उसने सुना होगा कि नहीं बस यही सोचते
शायर के अफसाने तो अक्सर अधूरे ही रह जाते

2 comments:

ss said...

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Regards,

Angela
angelabrooks741 gmail.com

Unknown said...

Ji jai guru ji