शंखनाद का अनुनाद है
चुनौतीयो के संवाद है
ना शस्त्र है ना अस्त्र है
ये ऐसा एक कुरुक्षेत्र है
जहाँ हर प्रहार सख्त है
ये जीवन एक अग्निपथ है
झुलसी हुई पलके है
नयनो को छुती लपटे है
अश्रु की धारा अनवरत है
फिर भी बढते वो स्वपन है
आहुति में गिरता ये रक्त है
ये जीवन एक अग्निपथ है
भाग्य बस एक खेल हो
कर्मो का ऐसा मेल हो
सबसे महान वो मनुष्य है
जिसने पाया अपना उद्देश्य है
आगे बढते रहना ही गत है
ये जीवन एक अग्निपथ है
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