कौन छुड़ाएगा ये बंधन है ऐसा
खुद की ज़ंजीरो में बंधा है बैठा
कच्चे धागों को समझा है लोहा
भूतकाल का बंदी मैं तो रह गया अकेला
मेरे मन के अंदर रात का साया
बाहर जो देखू है मेरी ही छाया
छुपा के खुदको खुद ही को खोजा
भूतकाल का बंदी मैं तो रह गया अकेला
मेरे कंधो पे मेरी यादो का है बोझा
कल ही के फेरे में चक्कर है सारा
देखा ना पाउ आज अपना ऐसा हु मारा
भूतकाल का बंदी मैं तो रह गया अकेला
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