तुम ख्वाब सी खुबसूरत कैसे
कैसे हो मेरे ख्यालो जैसी
क्या किसी ने चुरा के मेरे राज़
तुम्हे वैसे ही बनाया हैं
तुम भीड़ में खो भी नहीं जाती
मिल जाती हो इतफाक से हर कहीं
क्या किसी ने चुरा के मेरे रास्ते
तुम्हे उन्ही रास्तो पर चलाया हैं
तुम्हारी मुस्कराहट दिल को छूती
आखों को तुम्हारी हंसी जगमगा देती
क्या किसी ने चुरा के मेरे हसीं पल
तुम्हे ये सब बताया हैं
जिंदगी कट रही थी यूँ ही
की फरिश्तो से गुज़ारिश कितनी
क्या किसी गुज़ारिश ने पुरी हो कर
तुम्हे धरती पे बुलाया हैं
1 comment:
EKDUM ORIGINAL ... JHAAKAS
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