भजन सुनाते आते जाते
करते हैं बड़ी बड़ी बाते
कहते मैं हूँ भविष्य देश का
और मैं ही हूँ वरदान शिव का
कभी धरा का इन्सान महान
तो कभी सितारों सा दीप्तमान
जितने लोग उतनी ही बाते
सारी यूँ ही बेकार की बाते
कोई नहीं बताता कैसे कमाऊ रोटी
आखिर भूख भी तो कोई चीज़ है होती
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