जब भी आया तेरा ख्याल
जैसे किसी ने लगा दिया गुलाल
और रंग बिखर गए चेहरे पर
जैसे होली का हो त्यौहार
फिर याद आये दोस्तों से झगड़े
तेरे लिए कॉलेज से भी भागे
न जाने कितना लेते रहे उधार
बस करके वादा कल दे देंगे यार
छोड़ा आये अपना शहर
तोड़ के रिश्ता वो पुराना
मेरे ऑफिस में नहीं कोई
टूटी फूटी टपरी का कोना
अक्सर याद आते है हाय
वो एक समोसा और एक चाय
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