युहीं याद आ जाता है वो पुराना वादा
फ़िर बीते हुए लम्हों की तस्वीर लिए
वो ताकता रहता है खाली आसमा
आखों के रंग बदलती थी जो बाते
आज अपने साथ ले आती है बुँदे
युहीं पलकों में तैरती रहती है
अब उनको जमीन पे नहीं गिराता
किसी के आने की उम्मीद नहीं रखता
ना किसी इत्तेफाक पर यकीन करता
युहीं इस तरह वक़्त है बीत जाता
फ़िर भी वो उस जगह से नहीं उठता
2 comments:
liked it .. everyone has some "Gumnaam" memories for gumnaam sham ;)
good one omi....
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