कौन छुड़ाएगा ये बंधन है ऐसा
खुद की ज़ंजीरो में बंधा है बैठा
कच्चे धागों को समझा है लोहा
भूतकाल का बंदी मैं तो रह गया अकेला
मेरे मन के अंदर रात का साया
बाहर जो देखू है मेरी ही छाया
छुपा के खुदको खुद ही को खोजा
भूतकाल का बंदी मैं तो रह गया अकेला
मेरे कंधो पे मेरी यादो का है बोझा
कल ही के फेरे में चक्कर है सारा
देखा ना पाउ आज अपना ऐसा हु मारा
भूतकाल का बंदी मैं तो रह गया अकेला
About Me
- ओमी
- I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me
Tuesday, July 27, 2010
Monday, July 26, 2010
इमोशनल अत्याचार
आखों के आँसुं है उसके हथियार
कोई तो बचाओ कबसे करे पुकार
सुबह नाश्ते में पराठा जला हुआ
लंच बॉक्स में वही टुकड़ा बचा हुआ
हमेशा फैले रहे किचन में आंतकवाद
मेरे क्रिकेट का होजाये सत्यानाश
जाने कौन कौन से जनम की बात
बस हर पल मुझको दिलाये याद
सोते हुए भी सारी रामायण सुनाये
रामायण में महाभारत भी छिड़ जाये
प्यार जैसे फोटो एल्बम में दब गया
शिकायतों का पुलिंदा ही बच गया
सात जनम का वादा अब कौन निभाए
होगा अहसान जो यह जनम बच जाये
ओ मेरे भगवन अब तो लेलो अवतार
सहन नहीं होता इमोशनल अत्याचार
कोई तो बचाओ कबसे करे पुकार
सुबह नाश्ते में पराठा जला हुआ
लंच बॉक्स में वही टुकड़ा बचा हुआ
हमेशा फैले रहे किचन में आंतकवाद
मेरे क्रिकेट का होजाये सत्यानाश
जाने कौन कौन से जनम की बात
बस हर पल मुझको दिलाये याद
सोते हुए भी सारी रामायण सुनाये
रामायण में महाभारत भी छिड़ जाये
प्यार जैसे फोटो एल्बम में दब गया
शिकायतों का पुलिंदा ही बच गया
सात जनम का वादा अब कौन निभाए
होगा अहसान जो यह जनम बच जाये
ओ मेरे भगवन अब तो लेलो अवतार
सहन नहीं होता इमोशनल अत्याचार
Sunday, July 11, 2010
तेरी दीवानी
बाट मैं जोहू तोरी सैय्याँ
कहे सब होगई मैं बावरी
सब ऋतू आये जाये यहाँ
मेरे अखियन में बस पानी
प्रेम के रोग ने ऐसा जकड़ा
वैद्य खुद और खुद ही रोगी
खोयी रहु मैं ध्यान में तेरे
दुनिया समझे मैं रहु जागी
प्रीत का नाता तुझसे जोड़ा
और तु बना गया मेरा बैरी
सखिया मेरी छेड़े नाम से तेरे
और तु भुला मैं तेरी दीवानी
कहे सब होगई मैं बावरी
सब ऋतू आये जाये यहाँ
मेरे अखियन में बस पानी
प्रेम के रोग ने ऐसा जकड़ा
वैद्य खुद और खुद ही रोगी
खोयी रहु मैं ध्यान में तेरे
दुनिया समझे मैं रहु जागी
प्रीत का नाता तुझसे जोड़ा
और तु बना गया मेरा बैरी
सखिया मेरी छेड़े नाम से तेरे
और तु भुला मैं तेरी दीवानी
Saturday, July 10, 2010
नीम का पेड़
बीज नहीं सपना था बोया
तब दरख्त तुझसा पाया
तपते सूरज की अग्नि में
मेरे घर में कोमल छाया
देखा मैंने उगते हर एक पत्ता
जैसे बढता है बच्चा अपना
आज मेरे झोपड़े के आँगन में
कितने परिंदों का आशियाना
है तेरी उम्र जाने कितनी
मेरी तो अब होने आयी
मेरे चिता को आग दे कोई
तु ही अपनी लकड़ी जलाना
उपजंगे पौधे तेरे बीजो से
परिंदों तुम उन्हें दूर लेजाना
रखना धरा को हरा भरा
तु ही मेरा वंश चलाना
Saturday, July 03, 2010
last words
yes I know you have gone far away
and never gonna think about coming back
yes I know you don't want to talk
and never gonna look into my eyes.
it was never a love in my heart for you
if you can believe its more than that
and u must know even if you forget me
I will be waiting with your favorite roses
after this moment you will have a new life
and I will be stuck here for the eternity
I wish I would not have been meet you
or now at least once I see you again
and never gonna think about coming back
yes I know you don't want to talk
and never gonna look into my eyes.
it was never a love in my heart for you
if you can believe its more than that
and u must know even if you forget me
I will be waiting with your favorite roses
after this moment you will have a new life
and I will be stuck here for the eternity
I wish I would not have been meet you
or now at least once I see you again
Friday, July 02, 2010
परवाना
जादु तुम्हे कोइ आता है
या खुद्से हुआ मैं दीवाना
आखों मे तेरी कोइ नशा है
या है मेरा कोइ भुलावा
क्या है अदा तेरी ऐसी
ऐसा भी ये इश्क है क्या
मरते रहे हम हरदम
और तुमको खबर भी ना
आता है तुमको छिपाना
या फिर कोई अरमा ही नहीं
करते रहे हम इंतज़ार
और वो तेरा रास्ता ही नहीं
अब जो भी किस्मत मेरी
तुम ही हो ख्वाहिश मेरी
होगा कामयाब ये फसाना
या जल जाएगा ये परवाना
लोरी
तकिये की नीचे रखी नींद सुरीली
सोयेगा जो खायेगा मीठी जलेबी
पापा को ना आये बिटिया कोई लोरी
झूटे मूठे बहानो की यह है कहानी
तेरी नींद होगी सपनो से सजी
होगा तेरा राजा और तेरी रानी
हाथी शेर चीते करेंगे सलामी
परियो से होगी तेरी दोस्ती
झूले का ये देश कल होगा छोटा
ऊँची होगी उड़ाने कौन रोकेगा
दुनिया जीतने से पहले करले आराम
सो जा अब लेके करवट कोई आसान
आरज़ू
है मौसिकी तेरी तो तेरा ही नगमा दे,
तेरे संग गाउ मैं खुदा ऐसी बंदिशे दे
मेरा जिस्म तो एक बुत है
मेरी रूह को तू सुकुन दे
है अगर सांसें तेरी तो इनको सबब दे
तुझसे मिले सकु ऐसी मुझे राहे दे
क्या करू मैं तेरी इबादत
या बन जाऊ खुद ही खुदा
है आशिकी मेरी तो इसे एक महबूब दे
देखू खुदमे तुझको ऐसी मोह्हब्बत दे
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