अगर शराब है खत्म तेरे मैखाने मे
तो नज़रे मिला के पानी ही देदे जाम मे
किसको चड़ता है नशा यहा पीने से
हमको तो नशा है तेरे इश्क मे जीने से
है बहूत बड़ा यह शहर
इसमे मैखाने और भी है
नए नही इस शहर मे जो
बाकियों से हम अनजाने है
बहाना है पीना जो आते है तेरे मैखाने मे
तरसे हुए है सुकून पाते है तेरे दीदार मे
जानते है तुझे हमसे कोई वास्ता नही
मैं तेरे लिए एक शराबी ही सही
खाली यह जाम हँसता है मुझपे
इसकी चुभती हसी को एक हद देदे
ज़िंदगी नही तो मौत का ही जाम दे
पानी भी नही तेरे पास तो साकी जहर देदे
बहूत है गलिया शहर मे लड़खडांने क लिए
आज लड़खडाने से पहले सम्हाल ले तेरे मैखाने मे
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