About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Thursday, May 17, 2012

हंगामा

बिगड़े हालत पर ना होना हताश
खुद की बातों पे ही खुश रहना 
जब तक तुमको फर्क न पड़े 
क्यों कुछ बदलने की हिम्मत करना 
क्यूंकि हिम्मत करने से होता है हंगामा
और तुमको हंगामे की आदत नहीं 

सोचते रहना और कहते रहना
बात बात पे बहस भी करना
खुद को पढा लिखा साबित करना
बस जितना पढ़ाया उतना ही जानना 
क्यूंकि ज्यादा जानने से होता हैं हंगामा
और तुमको हंगामे की आदत नहीं 

कोई और मरे, कोई और लड़े
जिसको कूदना है वो आग में कूदे
तुम तो बस आराम से रहना 
बस अपने रास्तो पर ही चलना 
क्यूंकि रास्ते बदलने से होता है हंगामा
और तुमको हंगामे की आदत नहीं 

सत्ता, कुर्सी, पैसा या फिर रुतबा
कोई लूटे अकेला, कही है पूरा कुनबा 
लेकिन फिर भी तुम चुप ही रहना 
अपने दरवाजों को बंद ही रखना 
क्यूंकि सच कहने से होता है हंगामा
और तुमको हंगामे की आदत नहीं

Friday, May 04, 2012

साली की सगाई

साली ने पुछा दीदी से 
मेरी सगाई और जीजा नहीं आये 
कहते थे आधी घरवाली 
क्या मेरे वियोग के दुःख से नहीं आये 
कहना उनसे मैं थी रूठी 
अब मुझको मनाने फ़िर से ना आये 
मेरे प्रियतम भी दामाद बने  
अब पहले सा ना अपना रुबाब दिखाए 

आते वो भी साथ
मगर हालत कुछ ऐसे बन गए 
आना पड़ा मुझे अकेला
वो अपनी साली की सगाई में नहीं आये 
दीदी बोली अपनी व्यथा 
मुझको भी बड़े शहर में अकेले छोड़ गए 
क्या कहू मैं तुमसे बहना
तुम्हारे जीजा तो है विदेश गए