About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Wednesday, March 01, 2006

i m not smoker

बस एक कश और कशमकश सारी खत्म हो जाती है
थकी हुई मेरी आंखो मे फिर ज़िंदगी नज़र आती है
यह धुआं जाने क्या असर करता मेरी रूह पे
दिल और दिमाग पे ताजगी सी छा जाती है

आसमा पे कितनी लकीरे खीची है इस धुएं ने
मुझे तो तस्वीर बस उसकी नज़र आती है
तुझसे किया था वादा अब हाथ न लगायेंगे कभी
अब तेरी यादों मे ही हर शाम यह जलती है

जब शाम को यह दो उंगलियों पे नाचती है
यारो की महफ़िल कितनी जवा हो जाती है
आज के लिए खुशी का आलम लाती है
कल के लिए कितनी यादें बनती है

आया जो कोई अचानक बगल से
फेका इसे फिर हमने चुपके से
यह बात हमारे बडो को बताती है
की आज भी हममे तहजीब बाकी है

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