About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Sunday, July 31, 2011

तुम

एक अधुरी कविता हो तुम
मेरी कालजयी रचना हो तुम
एक अनसुलझा विचार हो तुम
कुछ लिख लेने की वजह हो तुम
होठो में छाई ख़ामोशी हो तुम
आँखों में तैरती ख्वाहिश हो तुम
कुछ पा लेने का हौसला हो तुम
कुछ खो देने का सुकुन हो तुम

जितना करीब आता हूँ
उतनी ही दुर हो तुम
जितना तुम्हे जानता हूँ
उतनी ही नयी सी हो तुम
कोई रिश्ता सा लगता है
फ़िर भी अंजान हो तुम
सोचता हूँ अक्सर यही कि
ज़िन्दगी ऐसी क्यों हो तुम?

Monday, July 11, 2011

मेरी कविताये यु न पढ़ा करो

तुम शब्द मेरे यु न सुना करो
हृदय की वेदना यु न जाना करो
कुछ सूखे कुछ गिले कागज है
तुम इनको यु न छुआ करो
कितनी बार कहा है तुमसे
मेरी कविताये यु न पढ़ा करो

रातकली तुम स्वप्न में मिली
स्वप्न की बाते न किया करो
भोर की किरणों से न बच पाया
उस सपने के बारे में न पूछा करो
कितनी बार कहा है तुमसे
मेरी कविताये यु न पढ़ा करो

न कोई छंद न कोई अलंकार
सजावट की यु न आशा करो
जो याद आये वो लिख पाए
सभी बातो की यु न बाते करो
कितनी बार कहा है तुमसे
मेरी कविताये यु न पढ़ा करो