अगर कभी करनी पड़ जाये बात
तो सोचता हु पहले कौन बोलेगा
क्या होगी कोई नयी सी बात
या वही पुराना किस्सा होगा
पुरानी आदतों की शिकायत होगी
या अंजानो की तरह परिचय होगा
क्या पुछेंगे हम दुर रहने का सबब
या फिर पास आने का इरादा होगा
होगी लबो पे बेवजह मुस्कान
या आखों में खालीपन होगा
तेरे चेहरे में कोई शिकन होगी
या सुर्ख गालो का रंग लाल होगा
शायद जिंदगी होगी तेरी बेहतर
और शिकवा बस हमे होगा
अगर कभी करनी पड़ जाये बात
तो सोचता हु पहले कौन बोलेगा