कोई खवाब देखे तू ऐसा
जो मुझ बिन लगे अधुरा
कोई मांगे तू ऐसी दुआ
जिसमे हो नाम मेरा
ये काश की तुझे भी मोह्हबत होजाए
चलने लगे तेज तेरी सांसें
दिल भी बेचैनी मे धड़के
कही मन तेरा न लागे
युही बेवजह तू मुसुकुराए
ये काश की तुझे भी मोह्हबत होजाए
रातो को गिने तारे
चाँद अपना सा तुझे लागे
आईने से करे बाते
भीड़ भी रहे अकेले
ये काश की तुझे भी मोह्हबत होजाए
जुबा कुछ न कह पाये
निगाहे कहदे सारी बाते
हम समझे तेरे इशारे
फिर भी बनाये बहाने
ये काश की तुझे भी मोह्हबत होजाए