उड़ जाने दे तू हवाओ के संग
नापू गगन मैं बन के पतंग
दिल ही तो तेरा हु खो जाने दे
मुझको किसी का हो जाने दे
सुन भी ले क्या कह रहा हु मैं
कौन जाने है पानी कितना गहरा
यु ना तू डर लगाने दे गोता
मिले भी न जो मोती तो क्या है
डूबने का भी है अपना मज़ा
सुन भी ले क्या कह रहा हु मैं
बारिश का देखना चाहे तू नज़ारा
रेगिस्तान मे फिरे क्यों मारा मारा
मौसमो का ना कर इंतज़ार
कर भरोसा मैं लाऊंगा बहार
सुन भी ले क्या कह रहा हु मैं