About Me

I write poems - I m going towards me, I write stories - किस्से ओमी भैय्या के, I write randomly - squander with me

Tuesday, April 10, 2012

राखी के धागे


कभी गुड़ियों का घर भी न संभल पाता था 
अब घर की बातो में सुबह से शाम हो जाये 
बची हुई आखिरी मिठाई के लिए जो लड़ता था 
अब उसने मीठा खाया कि नहीं ये ख्याल सताए 

कभी पिताजी के बगल की कुर्सी पर जताते थे हिस्सा 
तो कभी किसे ज्यादा प्यार करती हैं माँ इसका झगड़ा 
कभी संग बैठने पर भी जिनको आता था गुस्सा
अब मिलने के लिए किसी त्यौहार की आस लगाये 

लड़ते लड़ते ना जाने कब वो भाई बहन बड़े हो गये 
उनके गुड़िया, गाड़िया और बंदूके पुराने हो गए 
छोड़ बचपन का घर वो दोनों दूर चले गए 
लेकिन फिर भी राखी के धागे बंधे रह गए  

Sunday, April 08, 2012

संसद


जिनको चुनके भेजा था अब खुद ना चुन सके वो नेता 
लोकतंत्र में कोई भी पार्टी बेटा ही होगा सबका नेता 
वोटो की गिनती के बाद अपने वादों को भुला चुका 
घोषणाओं का वो पिटारा जीत के जश्न में जला चुका  
अब शुरू होना है उनके संघर्ष का एक नया किस्सा 
आशाएं है बहुत उनकी अब होगा उनका भी हिस्सा 
आम जनता को भूले दुर दराज़ के निकले रिश्ते नाते  
इनके उनके नामो से नित नए बैंको में खुल रहे खाते 
संसद से नदारद फ़िर भी मुद्दा बनाने न्यूज़ सेंटर आता 
समितियों से बना दिया है जैसे हर संसोधन का नाता
करने को बहस आते लेकिन अंत में फाड़ देते हैं परचा
हूटिंग करते मगर वोटिंग से पहले मांगे अपना खर्चा 
सबके अपने तरीके कुछ को वाक् आउट पसंद आता 
बाहर जाने का शौक है इतना फ़िर वो अंदर क्यूँ आता 
अब ना रहे वो लड़ने वाले अब नहीं रहीं वो लोकसभा
बिकते वोटो के बीच कहीं थोड़ी बिकती है राज्यसभा

Saturday, April 07, 2012

अरमान मेरे


आखों में शरारत
और होठों से बहाने बनाया ना करो 
जुल्फों को बांधो
हवां के साथ यूँ उड़ने दिया ना करो 
ओ हुस्न की मलिका
इस तरह सामने आया ना करो
अरमान मासूम है मेरे 
इनको बेईमान बनाया ना करो  

चलते हुए यूँ अचानक 
गहनों की दुकान पर रुका ना करो
उठा के तरह तरह की 
बालियाँ कानो से लगाया ना करो 
हर बार अपने रूप की 
छटा यूँ राहों पर बिखराया ना करो 
अरमान मासूम है मेरे 
इनको बेईमान बनाया ना करो  

आइना बन जाता है वो 
रात में तुम चाँद को निहारा ना करो   
तारे भी दीवाने तुम्हारे 
तुम ऊँगली दिखा के उन्हें इशारे ना करो 
मंद रौशनी में तुम 
रातरानी की तरह महका ना करो 
अरमान मासूम है मेरे 
इनको बेईमान बनाया ना करो